केजरीवाल के दावों की हकीकत, अस्‍पताल के गेट पर हुई बुजुर्ग की मौत, बेटी ने साझा किया दर्द

केजरीवाल के दावों की हकीकत, अस्‍पताल के गेट पर हुई बुजुर्ग की मौत, बेटी ने साझा किया दर्द

सेहतराग टीम

पिछले कुछ दिनों से दिल्‍ली सरकार लगातार बढ़ रहे कोरोना के नए मामलों से हलकान है। दरअसल पिछले एक सप्‍ताह से लगातार दिल्‍ली में रोजाना एक हजार से अधिक कोरोना मामले सामने आ रहे हैं। इसके मुकाबले दिल्‍ली के अस्‍पतालों में बिस्‍तरों की संख्‍या ऊंट के मुंह में जीरा साब‍ित हो रही है। गुरुवार को ऐसी खबरें भी आईं कि दिल्‍ली सरकार के अस्‍पताल में कोरोना पीडि़त एक बुजुर्ग को भर्ती नहीं किया गया जिसके कारण अस्‍पताल के बाहर ही उनकी मौत हो गई।

दरअसल दिल्‍ली निवासी अमरप्रीत नामक एक महिला ने 4 जून को सुबह ट्वीट किया कि उनके पिता को तेज बुखार है और उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराए जाने की जरूरत है। उन्‍होंने लिखा कि वो अपने पिता को लेकर दिल्‍ली सरकार द्वारा संचालित लोकनायक जय प्रकाश अस्‍पताल के सामने खड़ी हैं और उनके पिता को भर्ती नहीं किया जा रहा है। अमरप्रीत ने ट्वीट में ये भी लिखा कि उनके पिता को कोरोना है और उन्‍हें सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। उन्‍होंने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसौदिया को ट्वीट में टैग कर उनसे मदद मांगी मगर किसी ओर से कोई मदद नहीं मिल पाई।

उन्‍होंने ये भी बताया कि उनके पिता को गंगा राम अस्‍पताल द्वारा रेफर किया जाना था मगर उस अस्‍पताल ने रेफर नहीं किया और बिना रेफरल के उनके पिता को एडमिट नहीं किया जा रहा है। हालांकि इस बारे में नियम एकदम स्‍पष्‍ट हैं और सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी है कि गंभीर हालत में लाए गए मरीज को तत्‍काल इलाज का अधिकार है मगर एलएनजेपी अस्‍पताल ने सभी नियमों और च‍िकित्‍सीय नैतिकताओं को ताक पर रख दिया।

करीब एक घंटे के बाद अमरप्रीत ने दोबारा ट्वीट किया और ये जानकारी दी कि भर्ती होने के इंतजार में उनके पिता की हालत बिगड़ गई और अस्‍पताल के बाहर ही उनकी मौत हो गई है।

ये हालत उस सरकार के अधीन आने वाले अस्‍पताल में है जो खुद को आम आदमी की सरकार कहती है। इस एक घटना से पता चलता है कि दिल्‍ली सरकार कोरोना के मामलों से किस प्रकार निबट रही है।

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